इंस्टाग्राम पर AI लेबल का मतलब है कि जब कोई क्रिएटर AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) द्वारा बनाए या बदले गए कंटेंट को अपलोड करता है, तो उसे उस पोस्ट पर एक खास लेबल जोड़ना होता है. इस लेबल का मकसद पारदर्शिता बढ़ाना है, ताकि लोगों को पता चले कि वे जो कंटेंट देख रहे हैं, वह किसी इंसान ने नहीं, बल्कि AI ने बनाया है या उसमें AI का इस्तेमाल हुआ है. इंस्टाग्राम पर AI लेबल कैसे लगाएं? इंस्टाग्राम पर AI लेबल लगाने की प्रक्रिया बहुत आसान है. आइए इसे स्टेप-बाय-स्टेप समझते हैं: सबसे पहले, अपनी पोस्ट तैयार करें (फोटो या वीडियो). पोस्ट को शेयर करने से पहले, Advanced settings पर जाएं. यहां, आपको AI-generated content का एक ऑप्शन मिलेगा. इसे ऑन (toggle on) करें. अब आप अपनी पोस्ट शेयर कर सकते हैं. एक बार जब आप इस सेटिंग को ऑन कर देते हैं, तो आपकी पोस्ट पर AI-generated या Made with AI जैसा लेबल दिखने लगेगा. यह लेबल पोस्ट के ऊपर, आपके यूजरनेम के ठीक नीचे दिखाई देता है.। यह कैसे काम करता है? इंस्टाग्राम का AI लेबल एक तरह से चेतावनी की तरह काम करता है. इसका मुख्य उद्देश्य यह...
- नाम: Tehran (2025) — एक भारतीय हिन्दी-भाषा की एक्शन-स्पाय थ्रिलर फिल्म।
- निर्देशक: अरुण गोपालन
- लेखक: रितेश शाह, आशीष पी. वर्मा, बिंद्नी कारिया
- निर्माता: दिनेश विजन, शोभना यादव, संदीप लेयज़ेल
- स्टूडियो: Maddock Films, Bake My Cake Films; वितरक: ZEE5
- मुख्य कलाकार:
- जॉन अब्राहम — ACP राजीव कुमार (RK)
- नीरू बाजवा — शैलजा
- मानुषी छिल्लर — SI दिव्या राणा
- माधुरीमा तुली — वंदना (राजीव की पत्नी)
- एलनाज़ नूरौज़ी, आलियन सिल्वैन, हदी खानजनपुर आदि
- तकनीकी टीमें:
- छायांकन: Ievgen Gubrebko, Andre Menezes
- संपादन: Akshara Prabhakar
- संगीत (स्कोर): Ketan Sodha
- गीत: Tanishk Bagchi (पहला सिंगल “Ishq Bukhaar” — रिलीज़ 7 अगस्त 2025)
- रUNTIME: लगभग 115 मिनट (1 घंटा 55 मिनट)
- भाषा और देश: हिन्दी, भारत
- रिलीज़: 14 अगस्त 2025, ZEE5 पर OTT पर रिलीज़
- प्लॉट / कहानी: 2012 में दिल्ली में इजरायली राजनयिकों पर हुए हमलों को लेकर, ACP राजीव कुमार एक भावनात्मक मिशन पर निकलता है। जांच के दौरान वह अकेला छोड़ दिया जाता है और ईरानी एजेंट उसे निशाना बनाते हैं—अब उसे राजनीतिक और अंतर्राष्ट्रीय दबावों के बीच सत्य का पीछा करना है।
समीक्षाएँ (Reviews)
1. India Today – Tushar Joshi
- रेटिंग: 4/5 सितारे
- मुख्य बातें: फिल्म बखूबी दिखाती है कि कैसे आम लोग युद्ध व संघर्ष का हिस्सा बन जाते हैं। स्क्रीनप्ले ने मानव-स्तर की भावनाओं को प्रभावी ढंग से पेश किया है। सिनेमा से लेकर एक्शन तक सब प्रभावित करने वाला है।
2. The Times of India – Ronak Kotecha
- रेटिंग: 3.5/5 सितारे
- सारांश: जो लोग जियो-पॉलिटिकल थ्रिलर पसंद करते हैं, उनके लिए Tehran एक अच्छा विकल्प है—रियलिज़्म, दमदार अभिनय और पेस इसे दर्शकों के लिए बाँधे रखते हैं, हालांकि कुछ थ्रेड क्लियर नहीं होते।
3. Firstpost – Lachmi Deb Roy
- रेटिंग: 3/5 सितारे
- नुकीली बातें: वह फिल्म की जियो-पॉलिटिकल बैटकराउंड, जॉन अब्राहम की परफॉर्मेंस, पटकथा और सिनेमैटोग्राफी की तारीफ करती हैं। पर धीमी गति के चलते फिल्म एक डॉक्यूमेंट्री जैसा लग सकता है।
4. The Indian Express – Shubhra Gupta
- रेटिंग: 2.5/5 सितारे
- प्रत्येक बिन्दु: जॉन अब्राहम की निष्क्रियता उनकी भूमिका को खूबसूरती से निभाती है। फिल्म में थोड़ा अनुराग की कमी है, लेकिन उसका होना निश्चित रूप से एक सकारात्मक पहलू है।
5. Bollywood Hungama
- रेटिंग: 2.5/5 सितारे
- विश्लेषण: एक्शन, प्रोडक्शन डिज़ाइन, वेशभूषा, VFX और एडिटिंग मजबूत हैं। लेकिन मानुषी छिल्लर का किरदार अधूरा रह गया है और जॉन का इमोशनल पक्ष औसत रहा।
6. Scroll.in – Nandini Ramnath
- रेटिंग: स्पष्ट नहीं पर व्यावहारिक समीक्षा
- अवलोकन: फिल्म का अंदाज़ी और जियो-पॉलिटिकल प्रयास सराहनीय है, लेकिन एक भारतीय एजेंट को मॉसाद-समान दिखाना फैंटसी जैसा लगता है। जॉन अब्राहम की ज़बर्दस्त उपस्थिति है, लेकिन वास्तविक राजनीति की गहराई तक नहीं जाती।
7. High On Films – Suvo Pyne
- भावना: फिल्म शुरू में धमाकेदार लगती है पर आगे चली तो ज़ियादा सुरक्षित और कम राजनीतिक साहस दिखाने लगती है। असली राजनीतिक जटिलता पर असरदार प्रतिबिंब नहीं मिलता।
दर्शकों की प्रतिक्रिया (Audience Buzz)
- LiveMint: सोशल मीडिया पर फिल्म चर्चित हो रही है। कई दर्शक इसे "ब्रिलियंट मास्टरपीस" और "डेकेंट से गुड थ्रिलर" कह रहे हैं। कुछ ने War 2 जैसी फिल्मों की तुलना में Tehran को बेहतर और सार्थक बताया।
- Reddit (/r/bollywood):
"Technically fine but emotionally flat. Good pacing, decent action … won’t leave a lasting impact."
और एक ने लिखा: “Manushi hardly has a role … should not have been made.”
सारांश तालिका
पहलू | विवरण |
---|---|
प्लस प्वाइंट्स | सच्ची घटनाओं से प्रेरित कहानी, मजबूत तकनीकी निर्माण (एक्शन, सिनेमैटोग्राफी), जॉन अब्राहम की प्रभावशाली एक्टिंग, जियो-पॉलिटिकल संदर्भ |
मैजूद सीमाएँ | धीमी गति, कुछ पात्रों की अधूरी प्रस्तुति, राजनीतिक टिप्पणियाँ सीमित, भावनात्मक गहराई में कमी |
OTT उपलब्धता (OTT Availability)
- फिल्म 14 अगस्त 2025 को सीधे ZEE5 पर OTT प्रीमियर हुई है; इसका थियेट्रिकल रिलीज़ नहीं हुआ ।
- दर्शक इसे OTTplay Premium के जरिये भी स्ट्रीम कर सकते हैं, जो ZEE5 के साथ साझेदारी से उपलब्ध है ।
- इससे पहले कई थिएटर-चैन ने फिल्म के संवेदशील जियो-पॉलिटिकल विषयों के कारण रिलीज़ से परहेज़ जताया था, इसलिए निर्माता ने इसे सीधे डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर रिलीज़ करने का निर्णय लिया ।
फिल्म में “नया स्टार” — नई प्रतिभा
- माधुरीमा तुली, जिन्होंने ACP राजीव कुमार (जॉन अब्राहम) की पत्नी वंदना/काजल सिंहानिया का किरदार निभाया है, उन्होंने इस भूमिका को “real and fresh” बताया है और कहा कि जैसे ही उन्हें पता चला कि फिल्म में जॉन अब्राहम हैं, उन्होंने तुरंत हाँ कर दी ।
यह भूमिका उनके लिए नई चुनौती थी—जिसमें उन्होंने कहा यह पहले की भूमिकाओं से अलग और जोड़ने में दिलचस्प है।
संक्षेप में — OTT और नया सितारा
पहलू | विवरण |
---|---|
OTT उपलब्धता | 14 अगस्त 2025 से ZEE5 (OTTplay Premium) पर उपलब्ध |
थियेट्रिकल रिलीज़ | नहीं हुआ—संसदजिक एवं भू-राजनीतिक संवेदनशीलता के चलते |
नया स्टार | माधुरीमा तुली — जॉन अब्राहम के साथ निभाए किरदार को “real and fresh” बताया गया; उनका काम और ऑन-सेट अनुभव सकारात्मक रहा |
निष्कर्ष
Tehran (2025) एक साहसिक और वैश्विक कथानक पर आधारित स्पाय थ्रिलर है—जिसमें जॉन अब्राहम का अभिनय, ठोस तकनीकी पक्ष और कॉन्टेम्पररी भू-राजनीतिक दृष्टिकोण ध्यान खींचते हैं। हालांकि, कुछ समीक्षकों ने इसकी धीमी गति और भावनात्मक उथल-पुथल की कमी को सीमाएँ बताया है। यदि आप जियो-पॉलिटिकल थ्रिलर पसंद करते हैं तो यह फिल्म आपके लिए एक दिलचस्प डिजिटल विकल्प है।
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