इंस्टाग्राम पर AI लेबल का मतलब है कि जब कोई क्रिएटर AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) द्वारा बनाए या बदले गए कंटेंट को अपलोड करता है, तो उसे उस पोस्ट पर एक खास लेबल जोड़ना होता है. इस लेबल का मकसद पारदर्शिता बढ़ाना है, ताकि लोगों को पता चले कि वे जो कंटेंट देख रहे हैं, वह किसी इंसान ने नहीं, बल्कि AI ने बनाया है या उसमें AI का इस्तेमाल हुआ है. इंस्टाग्राम पर AI लेबल कैसे लगाएं? इंस्टाग्राम पर AI लेबल लगाने की प्रक्रिया बहुत आसान है. आइए इसे स्टेप-बाय-स्टेप समझते हैं: सबसे पहले, अपनी पोस्ट तैयार करें (फोटो या वीडियो). पोस्ट को शेयर करने से पहले, Advanced settings पर जाएं. यहां, आपको AI-generated content का एक ऑप्शन मिलेगा. इसे ऑन (toggle on) करें. अब आप अपनी पोस्ट शेयर कर सकते हैं. एक बार जब आप इस सेटिंग को ऑन कर देते हैं, तो आपकी पोस्ट पर AI-generated या Made with AI जैसा लेबल दिखने लगेगा. यह लेबल पोस्ट के ऊपर, आपके यूजरनेम के ठीक नीचे दिखाई देता है.। यह कैसे काम करता है? इंस्टाग्राम का AI लेबल एक तरह से चेतावनी की तरह काम करता है. इसका मुख्य उद्देश्य यह...
मामोर गांव में 'मुगलिया फरमान'—"जाटों गांव छोड़ दो, कोई बचाने नहीं आएगा!"और लगातार जाटों की संख्या कम होती जा रही है
मामोर गांव में 'मुगलिया फरमान'—"जाटों गांव छोड़ दो, कोई बचाने नहीं आएगा!"
🔥 घटना की पृष्ठभूम
उत्तर प्रदेश के शमली जिले के मामोर (Mamoor) नामक गाँव कि यह घटना सुनकर आप चोक जाओगे
कब हुआ? घटना हाल ही में सामने आई है; वीडियो और सोशल मीडिया पोस्टों के मुताबिक यह 19 जून 2025 की ताज़ा खबर है ।
मुख्य घटना — “मुगलिया फरमान”
एक वीडियो क्लिप में स्पष्ट रूप से किसी व्यक्ति द्वारा धमकी दी जा रही है:
> *“जाटों गांव छोड़ दो, कोई बचाने नहीं आएगा!”*
इस धमकी में, किसी को “मुगलिया फरमान” के ज़रिए जाट समुदाय से गांव छोड़ने को कहा गया है — एक मुस्लिम समुदाय के व्यक्ति द्वारा म्प्रदायिक धमकी का संदेश।
हिंसात्मक विवरण
वीडियो में देवेंद्र जाट नामक व्यक्ति के साथ कथित तौर पर बर्बर हिंसा हुई:
> “देवेंद्र जाट को 150 बार खंजर से काटा, फिर गोली मारी गई”
देवेंद्र जाट की हत्या करने वालों में नसीब और शोएब का नाम आ रहा है जो मुस्लिम समुदाय से बिलॉन्ग करते हैं इसे यह सीधा दिखता है कि यह घटना संप्रदाय के जिसमें राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं हो रहा है क्योंकि मुस्लिम समुदाय के मत सर्वाधिक है जिसके कारण उनका पक्ष राजनीतिक पक्ष में अधिक है और जाटों का कोई राजनीतिक पक्ष नहीं है जिसके कारण उनकी संख्या घट रही है और उन पर बर्बरता बढ़ती जा रही है
इस बात को एक संगठित और योजनाबद्ध प्रयास माना जा रहा है, कि यह एक “हिंदुओं के समूल नाश की योजना” है ।
इसे “कैराना 2.0” कैसे बताया जा रहा है
दावे में कहा गया है कि यह घटना एक बड़े जातिगत / साम्प्रदायिक संघर्ष की शुरूआत है, जिसे “कैराना 2.0” कहा गया है — इशारा 2016 में हुए कैराना घटनाओं पर क्योंकि कोरोना टाइम में यही घटना ऐसी चलती थी जिसमें कई लोग मारे गए थे जिसमें जाट समुदाय की संख्या कम हो गई है और मुस्लिम समुदाय की संख्या बढ़ गई है।
प्रतिक्रिया और स्थिति
इस ख़बर को Sudarshan News और उनके X (Twitter) अकाउंट से व्यापक रूप में साझा किया गया है, साथ ही फेसबुक और इंस्टाग्राम पर भी चर्चा तेज़ है ।
- अभी तक कोई आधिकारिक पुलिस या प्रशासनिक बयान सामने नहीं आया है कि घटना का सत्यापन हुआ है, न ही किसी गिरफ्तारी की सूचना है।
निष्कर्ष
मसला | स्थिति |
---|---|
धमकी | “मुगलिया फरमान” के तहत जाटों को गांव छोड़ने की धमकी दी गई |
हिंसा की बात | एक व्यक्ति पर कथित हमले की बात कही गई (खंजर, गोली) |
साम्प्रदायिक पहलू | इसे हिंदुओं के खात्मे की योजना बताया जा रहा है |
आधिकारिक पुष्टि | वर्तमान में कोई सरकार/पुलिस द्वारा पुष्टि नहीं |
🧭 आगे क्या करना चाहिए?
- पुलिस और प्रशासन से पुष्टि करें — गिरफ्तारी, FIR, जांच की अद्यतन जानकारी।
- स्थानीय मीडिया से विवरण जुटाएँ — अगर कोई स्थानीय अख़बार या न्यूज पोर्टल ने कवरेज की है।
- समुदाय का भाव जानें — गांव के जाट या अन्य समुदाय के लोगों के बयानों से घटना की गंभीरता का आकलन संभव होगा।
यदि आप चाहें तो मैं पुलिस/स्थानीय मीडिया का अपडेट खोज सकता हूँ, या उस वीडियो का प्रमाणिक स्रोत तलाश सकता हूँ — कृपया बताएं!
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