इंस्टाग्राम पर AI लेबल का मतलब है कि जब कोई क्रिएटर AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) द्वारा बनाए या बदले गए कंटेंट को अपलोड करता है, तो उसे उस पोस्ट पर एक खास लेबल जोड़ना होता है. इस लेबल का मकसद पारदर्शिता बढ़ाना है, ताकि लोगों को पता चले कि वे जो कंटेंट देख रहे हैं, वह किसी इंसान ने नहीं, बल्कि AI ने बनाया है या उसमें AI का इस्तेमाल हुआ है. इंस्टाग्राम पर AI लेबल कैसे लगाएं? इंस्टाग्राम पर AI लेबल लगाने की प्रक्रिया बहुत आसान है. आइए इसे स्टेप-बाय-स्टेप समझते हैं: सबसे पहले, अपनी पोस्ट तैयार करें (फोटो या वीडियो). पोस्ट को शेयर करने से पहले, Advanced settings पर जाएं. यहां, आपको AI-generated content का एक ऑप्शन मिलेगा. इसे ऑन (toggle on) करें. अब आप अपनी पोस्ट शेयर कर सकते हैं. एक बार जब आप इस सेटिंग को ऑन कर देते हैं, तो आपकी पोस्ट पर AI-generated या Made with AI जैसा लेबल दिखने लगेगा. यह लेबल पोस्ट के ऊपर, आपके यूजरनेम के ठीक नीचे दिखाई देता है.। यह कैसे काम करता है? इंस्टाग्राम का AI लेबल एक तरह से चेतावनी की तरह काम करता है. इसका मुख्य उद्देश्य यह...
🔍 कैसा था मामला?
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वायरल हुआ झूठा प्रोफ़ाइल
सोशल मीडिया पर एक प्रोफ़ाइल बनी—नाम था 'Babydoll Archi'—जिसमें अर्चिता की तस्वीरों को अमेरिकी एडल्ट स्टार केंड्रा लस्ट के साथ एडिट करके वायरल किया गया ।
इस प्रोफ़ाइल ने दावा किया कि अर्चिता ने अमेरिकी पोर्न इंडस्ट्री जॉइन कर ली है।
AI, deepfake और मन का बदला
डीब्रूगढ़ पुलिस के अनुसार, अर्चिता की असली तस्वीर का इस्तेमाल कर, उनके पूर्व प्रेमी प्रतीम बोरा ने AI टूल्स—Midjourney, OpenArt, Desire AI आदि—का प्रयोग कर अश्लील तस्वीरें और वीडियो बनाए । इसका मकसद था गुस्सा निकालना और पैसा कमाना।
वायरलिटी और पैसे
जून 26 को एक रील वायरल होने के बाद, फर्जी अकाउंट के 1.3–1.4 मिलियन फॉलोअर्स हो गए । बोरा ने ‘Linktree’ सब्सक्रिप्शन पर लगभग ₹10 लाख कमाए ।
🎯 पुलिस की कार्रवाई
FIR और गिरफ्तारी
अर्चिता ने Dibrugarh पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। प्रतीम बोरा को 12 जुलाई को तिनसुकिया से गिरफ्तार किया गया ।
तलाशी और सच का खुलासा
पुलिस ने बोरा के फोन, लैपटॉप, टैबलेट, SIM कार्ड बरामद किए। उन्होंने माना कि वे व्यक्तिगत बदले और कमाई के लिए ऐसा कर रहे थे । पूरा मामला ‘AI-जनित पोर्न स्टार’ जैसी अफवाह पर आधारित था, असम की लड़की का बयान या अमेरिकी इंडस्ट्री में एंट्री का कोई सच नहीं था।
कानूनी चेतावनी
अधिकारियों ने कहा है कि झूठी सामग्री का निर्माण और साझा करना अपराध है, और इस सामग्री को रीशेयर करना भी कानूनी कार्रवाई के दायरे में आता है ।
🌐 यह क्यों अहम है?
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- नियम और कानून – भारत में साइबर/डिजिटल डेफेमेशन, पोर्नोग्राफी और AI मिसयूज़ से जुड़े कानून पहले से मौजूद हैं, और मामले बढ़ने पर इन्हें और कड़ा किया जा सकता है।
📝 निष्कर्ष
असम की अर्चिता फुकान अभी अमेरिकी पोर्न इंडस्ट्री में नहीं गई हैं।
उन्होंने कोई ऐसा बयान नहीं दिया जो यह दर्शाता हो कि वे हॉलीवुड या किसी विदेशी पोर्न इंडस्ट्री का हिस्सा बन रही हैं। पूरे प्रकरण में जो सामने आया है, वह केवल एक सुनियोजित AI-जनित धोखाधड़ी और बदले की कोशिश थी, जिसे पुलिस ने नाकाम कर दिया।
अपनी मीडिया या सोशल मीडिया फीड में अगर ऐसी कोई खबर देखीं, तो तुरंत स्पष्ट करें कि यह अनधीकृत deepfake और फर्जी प्रोफ़ाइल पर आधारित झूठ थी, ना कि किसी वास्तविक घटना पर।
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