सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) एक भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री हैं, जिन्होंने दो बार अंतरिक्ष यात्रा की है और कई रिकॉर्ड बनाए हैं। आइए उनके जीवन और अंतरिक्ष अभियानों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
सुनीता विलियम्स का जन्म 19 सितंबर 1965 को अमेरिका के ओहायो राज्य के यूक्लिड शहर में हुआ था। उनके पिता दीपक पांड्या भारतीय मूल के थे और उनकी माँ बोननी पांड्या स्लोवेनियाई मूल की थीं।
उन्होंने नौसेना अकादमी, अमेरिका से स्नातक किया और बाद में मास्टर डिग्री हासिल की। वे एक नौसेना पायलट बनीं और हेलीकॉप्टर उड़ाने का अनुभव प्राप्त किया।
अंतरिक्ष यात्री बनने का सफर
1998 में, उन्हें नासा द्वारा अंतरिक्ष यात्री के रूप में चयनित किया गया। इसके बाद उन्होंने कई वर्षों तक कठोर प्रशिक्षण किया और 2006 में उन्हें पहली बार अंतरिक्ष मिशन पर भेजा गया।
सुनीता विलियम्स के अंतरिक्ष मिशन
1. पहला मिशन (STS-116, 2006-2007)
- लॉन्च: 9 दिसंबर 2006 (स्पेस शटल डिस्कवरी से)
- कार्य: अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में वैज्ञानिक प्रयोग और स्टेशन की मरम्मत
- रिकॉर्ड: उन्होंने इस मिशन में 195 दिन 19 घंटे 8 मिनट बिताए, जो किसी भी महिला अंतरिक्ष यात्री के लिए एक रिकॉर्ड था।
- अंतरिक्ष में चहलकदमी (स्पेसवॉक): उन्होंने 4 बार स्पेसवॉक किया और कुल 29 घंटे 17 मिनट बाहर रहीं।
- वापसी: 22 जून 2007 (अटलांटिस शटल से)
2. दूसरा मिशन (Expedition 32/33, 2012)
- लॉन्च: 15 जुलाई 2012 (सोयुज TMA-05M रॉकेट से)
- कार्य: वैज्ञानिक प्रयोग, स्टेशन की मरम्मत और कमांडर के रूप में नेतृत्व
- रिकॉर्ड:
- सुनीता ISS की कमांडर बनने वाली दूसरी महिला बनीं।
- उन्होंने कुल 127 दिन 20 घंटे 31 मिनट अंतरिक्ष में बिताए।
- उन्होंने 3 स्पेसवॉक किए, जिनका कुल समय 50 घंटे 40 मिनट था।
- वापसी: 19 नवंबर 2012
सुनीता विलियम्स के प्रमुख रिकॉर्ड
- अंतरिक्ष में सबसे ज्यादा समय बिताने वाली महिला (2017 तक, बाद में यह रिकॉर्ड अन्य महिलाओं ने तोड़ दिया)।
- स्पेसवॉक (अंतरिक्ष में चहलकदमी) का सबसे ज्यादा समय किसी महिला द्वारा: 50 घंटे 40 मिनट।
- अंतरिक्ष स्टेशन की कमांडर बनने वाली दूसरी महिला।
- पहली भारतीय मूल की महिला जिन्होंने अंतरिक्ष में इतनी लंबी अवधि बिताई।
भविष्य की योजनाएँ
सुनीता विलियम्स को 2024 में नासा के "Boeing Starliner" मिशन के लिए चुना गया था, लेकिन तकनीकी देरी के कारण यह मिशन अभी लंबित है।
निजी जीवन और प्रभाव
सुनीता विलियम्स को दौड़ना, तैराकी, साइक्लिंग और पालतू जानवर पसंद हैं। वे एक मैराथन रनर भी हैं और उन्होंने ISS में रहते हुए भी एक मैराथन पूरी की थी।
उनकी सफलता से भारत और अमेरिका दोनों को गर्व महसूस हुआ और वे विज्ञान तथा अंतरिक्ष में रुचि रखने वाले युवाओं के लिए प्रेरणा बनीं।
निष्कर्ष
सुनीता विलियम्स एक अद्भुत महिला अंतरिक्ष यात्री हैं जिन्होंने अंतरिक्ष में कई रिकॉर्ड बनाए। उनके जीवन की कहानी कठिन परिश्रम, समर्पण और वैज्ञानिक उपलब्धियों की मिसाल है। वे आज भी अंतरिक्ष अभियानों से जुड़ी हुई हैं और आने वाले वर्षों में नए मिशनों में योगदान देने के लिए तैयार हैं।
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