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इसरो द्वारा लांच नए मिशन जिसको जानकर दुनिया अचंभित होगी हो गई है आप भी जाने क्या है इसरो द्वारा लांच न्यू मिशन।The world is stunned to know about the new mission launched by ISRO. You should also know what is the new mission launched by ISRO.






भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने हाल ही में कई महत्वपूर्ण मिशनों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है, जो भारत की अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में बढ़ती क्षमता को दर्शाते हैं। यहां ISRO के कुछ प्रमुख हालिया मिशनों का विवरण प्रस्तुत है:

1. स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट (SpaDeX):


ISRO ने SpaDeX मिशन के तहत 229 टन वजन के पीएसएलवी रॉकेट से दो छोटे उपग्रहों को प्रक्षेपित किया है। ये उपग्रह 470 किलोमीटर की ऊंचाई पर डॉकिंग और अनडॉकिंग करेंगे। 

स्पेसएक्स ने हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के साथ सफलतापूर्वक डॉकिंग की है। स्पेसएक्स के क्रू-10 मिशन ने शुक्रवार को फ्लोरिडा से लॉन्च होने के बाद रविवार, 16 मार्च 2025 को सुबह 12:05 बजे ईएसटी पर आईएसएस के साथ डॉकिंग की। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य नासा के दो अंतरिक्ष यात्रियों, बुच विलमोर और सुनीता "सुनी" विलियम्स, को वापस पृथ्वी पर लाना है, जो जून से आईएसएस पर फंसे हुए थे। उनकी वापसी बोइंग स्टारलाइनर में आई समस्याओं के कारण विलंबित हुई थी।

इस सफल डॉकिंग के बाद, विलमोर और विलियम्स कुछ दिनों में क्रू-9 के साथ पृथ्वी पर लौटेंगे, जैसा कि स्पेसएक्स के संस्थापक एलन मस्क ने घोषणा की है।

यह उपलब्धि स्पेसएक्स और नासा के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो अंतरिक्ष में मानव मिशनों की निरंतरता और सुरक्षा सुनिश्चित करने में सहायक है। 


2. एनवीएस-02 नेविगेशन सैटेलाइट:

29 जनवरी 2025 को, ISRO ने जीएसएलवी-एफ15 रॉकेट के माध्यम से एनवीएस-02 नेविगेशन सैटेलाइट को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया। यह प्रक्षेपण ISRO के श्रीहरिकोटा से 100वां मिशन था, जो भारत की स्वतंत्र सैटेलाइट पोजिशनिंग प्रणाली, नाविक (NavIC), को सुदृढ़ करने के लिए महत्वपूर्ण है। 

3. प्रोबा-3 मिशन:

5 दिसंबर 2024 को, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) ने ISRO के पीएसएलवी-एक्सएल रॉकेट के माध्यम से प्रोबा-3 मिशन को प्रक्षेपित किया। यह मिशन सूर्य के अध्ययन के लिए समर्पित है और अंतरिक्ष मौसम के आर्थिक और तकनीकी प्रभावों को समझने में सहायता करेगा।

4. रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल ऑटोनोमस लैंडिंग मिशन (RLV LEX):

ISRO ने चित्रदुर्गा, कर्नाटक के एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज (ATR) में रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल ऑटोनोमस लैंडिंग मिशन (RLV LEX) को पूरा किया है। इस मिशन में, भारतीय वायुसेना के चिनूक हेलीकॉप्टर ने एक अंतर्गुच्छ लोड के रूप में एरोप्लेन से ऊंचाई 4.5 किलोमीटर तक उठाया और उसके बाद निर्धारित पिलबॉक्स मापदंड तक पहुंचकर RLV को आत्मनिर्भर रूप से बीच से रिहा कर दिया गया। फिर RLV ने एकीकृत नेविगेशन, गाइडेंस और नियंत्रण प्रणाली का उपयोग करते हुए सफलतापूर्वक अंतिम अभिनय और लैंडिंग मैनूवर को निष्पादित किया और ATR हवाई दलान पर स्वतंत्र रूप से लैंडिंग की। यह उपलब्धि ISRO द्वारा अंतरिक्ष वाहन के स्वतंत्र रूप से लैंडिंग की सफल ऑटोनोमस लैंडिंग की सफलता को दर्शाती है। 

इन सफलताओं के साथ, ISRO ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में अपनी मजबूत उपस्थिति को और सुदृढ़ किया है, जो भविष्य के जटिल अंतरिक्ष अभियानों के लिए मार्ग प्रशस्त करती है।


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