जोधपुर में दूल्हे का राजस्थानी सामान कई जगहों पर मिलता है।
1. जोधपुर में दूल्हे के सामान के लिए प्रमुख स्थान:
* सरदार मार्केट और घंटाघर क्षेत्र: यह जोधपुर का हृदय है और यहां आपको पारंपरिक राजस्थानी वस्त्र, आभूषण, और अन्य सामान की कई दुकानें मिल जाएंगी। आपको यहां पर पगड़ी (साफा), शेरवानी, धोती-कुर्ता, जरी का काम किए हुए वस्त्र, और पारंपरिक राजस्थानी जूतियां (मोजड़ी) आसानी से मिल जाएंगी।
* नई सड़क: नई सड़क पर भी आपको कई बड़ी और छोटी दुकानें मिल जाएंगी जहां दूल्हे के लिए आधुनिक और पारंपरिक दोनों तरह के वस्त्र उपलब्ध हैं। यहां आपको शेरवानी के विभिन्न डिज़ाइन और फैब्रिक मिल सकते हैं।
* त्रिपोलिया बाजार: यह बाजार विशेष रूप से पारंपरिक राजस्थानी हस्तशिल्प और वस्त्रों के लिए जाना जाता है। यहां आपको अच्छी गुणवत्ता वाली पगड़ियां और अन्य पारंपरिक एक्सेसरीज मिल सकती हैं।
* जोधपुर के शॉपिंग मॉल्स: यदि आप आधुनिक डिज़ाइन और ब्रांडेड वस्त्र ढूंढ रहे हैं, तो जोधपुर के शॉपिंग मॉल्स में भी आपको दूल्हे के लिए अच्छे विकल्प मिल जाएंगे। हालांकि, पारंपरिक राजस्थानी लुक के लिए आपको बाजारों में ही जाना होगा।
* विशेषज्ञ बुटीक: जोधपुर में कई ऐसे बुटीक भी हैं जो विशेष रूप से दूल्हे के राजस्थानी वस्त्र तैयार करते हैं। यहां आप अपनी पसंद और नाप के अनुसार शेरवानी और अन्य वस्त्र बनवा सकते हैं।
2. दूल्हे के लिए आवश्यक राजस्थानी सामान:
एक राजस्थानी दूल्हे के लिए निम्नलिखित सामान महत्वपूर्ण होता है:
शॉर्ट लिस्ट=
कोट शूट
झबा पैंट
फॉर्मल ड्रेस
मैरून बो टाई
पॉकेट गार्ड
ब्रोच चैन ऑन पोकेट
बेल्ट
रुमाल
साफा
नेकलस
वॉच
लोफर जूती
जुराब
अंडर विहर
कड़बंधा
अंगोछा
गमछा
कटार
कॉस्मेटिक सामग्री
तिलक (टीका)
तुर्रा कलंगी
मोड़
काकण डोरा
फुल माला
* पगड़ी (साफा): यह राजस्थानी दूल्हे की पहचान होती है। विभिन्न प्रकार के रंग और बांधने की शैलियाँ प्रचलित हैं। अपनी वेशभूषा और अवसर के अनुसार सही साफा चुनें।
* शेरवानी: यह दूल्हे का मुख्य परिधान होता है। जोधपुर में आपको विभिन्न प्रकार की शेरवानियां मिल जाएंगी, जिनमें जरी, गोटा-पट्टी और अन्य पारंपरिक राजस्थानी काम किया हुआ होता है।
* धोती-कुर्ता या चूड़ीदार-कुर्ता: कुछ राजस्थानी शादियों में दूल्हा शेरवानी के साथ धोती-कुर्ता या चूड़ीदार-कुर्ता भी पहनता है।
* कमरबंद: यह शेरवानी के ऊपर बांधा जाता है और यह वस्त्र को एक आकर्षक लुक देता है। इस पर भी पारंपरिक राजस्थानी कारीगरी देखने को मिलती है।
* कटार या तलवार (कृपाण): यह एक पारंपरिक राजस्थानी दूल्हे के वेश का हिस्सा होता है, हालांकि आजकल यह केवल प्रतीकात्मक रूप में ही इस्तेमाल किया जाता है।
* आभूषण: राजस्थानी दूल्हे भी कुछ पारंपरिक आभूषण पहनते हैं, जैसे कि कंठसरी (हार), बाजूबंद, और कलगी (पगड़ी पर लगाने वाला आभूषण)।
* मोजड़ी (जूतियां): यह पारंपरिक राजस्थानी चमड़े की जूतियां होती हैं, जिन पर सुंदर कढ़ाई की जाती है।
* माला: दूल्हा फूलों या मोतियों की माला पहनता है।
* कंधे पर डालने का वस्त्र (पटका): कुछ क्षेत्रों में दूल्हा कंधे पर एक सजावटी वस्त्र भी डालता है।
3. सामान खरीदते समय ध्यान रखने योग्य बातें:
* गुणवत्ता: वस्त्र और अन्य सामान खरीदते समय उनकी गुणवत्ता का ध्यान रखें। अच्छी गुणवत्ता वाला सामान लंबे समय तक चलेगा और देखने में भी अच्छा लगेगा।
* डिजाइन और रंग: अपनी शादी की थीम और अन्य पारिवारिक सदस्यों के वस्त्रों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन और रंग का चुनाव करें।
* फिटिंग: शेरवानी और अन्य वस्त्रों की फिटिंग सही होनी चाहिए। यदि आवश्यक हो तो दर्जी से अपनी नाप के अनुसार सिलवाएं।
* मूल्य: विभिन्न दुकानों पर मूल्यों की तुलना करें ताकि आपको अच्छा सौदा मिल सके।
* अपनी पसंद: सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप अपनी पसंद और आराम के अनुसार सामान चुनें।
मुझे उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी! यदि आपके कोई और प्रश्न हैं तो बेझिझक पूछें। आपकी शादी की खरीदारी के लिए शुभकामनाएँ!
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