राजस्थान में हाल ही में किसानों के लिए ड्रोन पायलट प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया है, जो कृषि क्षेत्र में तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
📍 जोधपुर में रिमोट पायलट ट्रेनिंग सेंटर की शुरुआत
जोधपुर के कृषि विश्वविद्यालय ने पश्चिमी राजस्थान में पहला रिमोट पायलट ट्रेनिंग सेंटर स्थापित किया है। इस केंद्र में किसानों और युवाओं को ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे वे कीटनाशकों और उर्वरकों के छिड़काव में ड्रोन तकनीक का उपयोग कर सकें। इससे न केवल पानी की बचत होगी, बल्कि किसानों को रसायनों के संपर्क से भी बचाया जा सकेगा।
📚 प्रशिक्षण की पात्रता और प्रक्रिया
योग्यता: आवेदक को कम से कम 10वीं कक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए।
आयु सीमा: 18 से 65 वर्ष के बीच।
प्रशिक्षण अवधि: 6 दिवसीय आवासीय कार्यक्रम।
शुल्क: कुल शुल्क ₹50,000 है, लेकिन चयनित प्रतिभागियों को केवल ₹9,300 का भुगतान करना होगा; शेष राशि का 50% कृषि विभाग और 50% श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय द्वारा वहन किया जाएगा।
आवेदन प्रक्रिया: आवेदक को 'राज किसान साथी' पोर्टल या 'राज किसान सुविधा' ऐप के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन के साथ 10वीं की अंकतालिका और यदि कृषक उत्पादक संगठन या कस्टम हायरिंग केंद्र द्वारा नामित हैं, तो प्रमाण पत्र की प्रति अपलोड करनी होगी। आवेदन पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर स्वीकृत किए जाएंगे।
🌍 अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण अवसर
राजस्थान सरकार ने 'फार्मर नॉलेज इनहैंसमेंट प्रोग्राम' के तहत 100 युवा प्रगतिशील किसानों को इजराइल सहित अन्य देशों में आधुनिक खेती की तकनीकों का प्रशिक्षण देने की योजना बनाई है। इसका उद्देश्य किसानों को वैश्विक स्तर की कृषि तकनीकों से परिचित कराना और उन्हें स्थानीय स्तर पर लागू करने में सक्षम बनाना है।
यदि आप जयपुर में रहते हैं और इस प्रशिक्षण में भाग लेने के इच्छुक हैं, तो 'राज किसान साथी' पोर्टल या 'राज किसान सुविधा' ऐप के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। यह पहल न केवल आपकी कृषि दक्षता को बढ़ाएगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करेगी।
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